केरेडारी। हजारीबाग जिला के बड़कागांव विधान सभा क्षेत्र के भाजपा के वरिष्ठ नेता सह पूर्व सांसद प्रतिनिधि बालेश्वर कुमार भाजपा से रिश्ता तोड लिया। श्री कुमार ने जिला अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया हैं। इनके इस्तीफा से बड़कागांव की राजनीति उथल पुथल हो गई हैं। भाजपा के बड़े चेहरे को अचानक पार्टी से इस्तीफा देने से चौंक चौराहों में राजनीतिक का बाजार गर्म हो गया हैं।
40 साल का रहा है इनका राजनीतिक सफर
बालेश्वर कुमार का राजनीतिक शुरुआत वर्ष 1984 में छात्र नेता के रूप में भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के छात्र संगठन ए आई एस एफ व ए आई वाई एफ से जुड़कर हुई थी। पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, पूर्व सांसद रमेन्द्र कुमार, आनन्द कुमार इनके गुरु रहे हैं। अपने जीवन मे लगातार प्रखंड में ब्याप्त समस्या व भ्रस्टाचार के खिलाफ आंदोलनरत रहे। केरेडारी प्रखंड से राजनीति की शुरुआत कर पूरे बड़कागांव विधान सभा क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। झारखण्ड आंदोलन में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जिससे इन्हें झारखण्ड अलग राज्य आंदोलनकारी के रूप में सरकार द्वारा चिन्हित भी किया गया है। सम्मान भी प्राप्त की है।
अपने निजी कारणों से दिये इस्तीफा
बालेश्वर कुमार कहते हैं कि वे अपने निजी कारणों से इस्तीफा दिये हैं। अगर जयराम महतो की पार्टी अपने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी पार्टी से बड़कागांव विधान सभा सीट से प्रत्याशी बनाती है तो एक मजबूत दावेदारी प्रस्तुत कर सकते हैं। इनका दावा है कि जातीय समीकरण से लेकर राजनीतिक प्रभाव के कारण बड़कागांव की सीट जे एल के एम के लिये जीता जा सकता है।
बालेश्वर कुमार के इस्तीफा से भाजपा को लगा बड़ा झटका
भाजपा के हजारीबाग लोकसभा के पूर्व सांसद जयंत सिन्हा का बड़कागांव विस में प्रतिनिधि रह चुके बालेश्वर कुमार के अचानक पार्टी से इस्तीफा देना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया हैं। वही इनके इस्तीफा से पार्टी को भारी नुकसान हुवा हैं।

Author: news24jharkhandbihar
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