सरकारी सुविधाओं से वंचित लोचर के किसान प्रखंड भर में 30 प्रतिशत खाद्य सामग्री का करते हैं आपूर्ति

झारखंड के सभी जिलों के अलावा गुजरात, पंजाब में किसान मीनू महतो के उन्नत किसानी की चर्चा हैं। खेती बारी में बेहतर उत्पादन वा लिफ्ट इरिगेसन को लेकर 1994 में हजारीबाग उपायुक्त के द्वारा पहली बार सम्मान मिला। 1996 में कृषि को बढ़ावा देने पर राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने सम्मानित किया। झारखंड स्थापना दिवस पर 15 नवंबर 2008 को बेस्ट फार्मर ऑफ झारखंड का सम्मान तत्कालिन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के हाथों मिला। 2013 में गुजरात में सफल किसान का सम्मान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री सह वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया। 2024 में भारत सरकार के कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने नवन्नेशी किसान का सम्मान दिया।
केरेडारी। हजारीबाग जिला के केरेडारी प्रखंड में स्थित लोचर खेती के क्षेत्र में काफी अग्रणी हैं। सरकारी सुविधाओं से वंचित लोचर के किसान प्रखंड भर में 30 प्रतिशत खाद्य सामग्री का आपूर्ति करते हैं। इस गांव को मीनू लोचर के नाम से पूरे राज्य भर में जाना जाता हैं। 1992 ई आर्थिक तंगी के दौर में यहां रह रहे प्रगति शील किसान मीनू महतो अपने नई तकनीकी से उन्नत किसानी को अपनाते हुवे अपने गांव वा समाज में संपन्नता लाया। मात्र 80 एकड़ जमीन वाले लोचर गांव में रहने वाले ग्रामीण सालों भर खेती बारी करके अपने परिवार का पालन पोषण वा बच्चों का पढ़ाई कराते हैं। प्रगति शील किसान मीनू महतो खेती किसानी पर न्यूज 24 झारखंड बिहार प्रतिनिधि के साथ विस्तृत चर्चा की। जिसका मूल अंश इस प्रकार हैं।
Q. वर्तमान समय में खेती का परिदृश्य क्या हैं?
जवाब : – प्रगति शील किसान मीनू महतो ने कहा वर्तमान समय में खेती पुरानी परिपाटी पर लौट रही हैं। 1990- 92 के समय में पूर्वज बाग धान की खेती किया करते थें। बीते 2021 से अब तक खेती योग्य बारिश नहीं हुई। रोपा करने वाले किसान अधिकतर खेत को परती छोड़ दिए। परंतु कम बारिश में भी लोचर में अच्छा धान का उत्पादन हुवा। यहां के किसान पुराने विधि बाग धान विधि को अपनाए। कम बारिश में अच्छा उत्पादन हुवा। और रोपा में लगने वाले समय वा मजदूरों का भी बचत होता हैं। जिससे किसान अपने नगदी फसलों में भर पुर समय दे पाते हैं।
कम बारिश में इन फसलों का करें खेती
अपील…इन्होंने बताया की कम बारिश के लिए या टांड़ जमीन में खेती के लिए सांवा, कंगनी, ज्वार, बाजरा, मंडुवा, की खेती पर जोर देना चाहिए। इन फसलों के खेती में रासायनिक खाद की जरूरत नहीं पड़ता। और भोजन भी पोषण युक्त होता हैं।
Q. खेती के लिए क्या क्या उपयोगी हैं?
जवाब: किसान मीनू महतो ने खेती के लिए सबसे जायदा उपयोगी मिट्टी की गुणवत्ता को बताया। इन्होंने कहा मिट्टी में पोषण वा उर्वरता रहा तो बिछड़ा का उत्पादन शत प्रतिशत होता हैं। और फसल का उत्पादन भी अच्छा होता हैं। आगे बताया की धान की खेती के लिए ये मौसम काफी अनुकूल हैं। इस मौसम में किसान अपने खेतों की दो बार जुताई करदे ताकि किट वा घांस मर कर उर्वरक बन जाए। मानसून के पहली बारिश से खेतों का नमी आ जायेगा।
Q. फसलों में अधिक मात्रा में उर्वरक वा किट नाशक का उपयोग क्या सही है?
जवाब – इन्होंने बताया फसलों के उत्पादन और उत्पादकता के लिए मुख्य रूप से समय निर्धारित हैं। समय से उत्पादन होने वाले फसल धान, नगदी फसल बैगन, गोभी, टमाटर में कीट नहीं लगते हैं। गैर सीजन के अनुसार होने वाले बैगन, गोभी, टमाटर, मटर में कीटो की संख्या बढ़ जाती हैं। जिसमे किसान जरूरत से ज्यादा उर्वरक वा कीट नाशक का उपयोग करते हैं। ताकि फसल का उत्पादन बढ़े। हालांकि ज्यादा उर्वरक का उपयोग मानव स्वास्थ्य के साथ उर्वरा भूमि के लिए भी हानि कारक होता हैं।
Q. खेती को बढ़वा देने के लिए सरकार से किसान क्या अपेक्षा रखते हैं ?
जवाब: मीनू महतो ने कहा की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान सहयोग के साथ साथ प्रोत्साहन की अपेक्षा राज्य वा केंद्र सरकार से रखते हैं। सरकार किसानों के लिए सस्ते दर में उन्नत किस्म का बीज, सरकारी दर में जरूरत के अनुसार उर्वरक की उपलब्धता, पानी पटाने के लिए खेतों में डीप बोरवेल, कम दर में बिजली की व्यवस्था, फसलों का उचित दाम की अपेक्षा करते हैं।
आय दुगना करने के लिए घर बागवानी में करें फलों की खेती
अपील…प्रगति शील किसान मीनू महतो ने किसानों से आय दुगुनी करने के लिए खेती के साथ साथ बागवानी करने में जोर दिए। इन्होंने बताया की बिही अमरूद, गोल्डन शरीफा, रेड लेडी पपीता, स्ट्रो बेरी, ड्रैगन फ्रूट की खेती सभी किसानों को करना चाहिए। ये कम मेहनत में समय पर दुगुना लाभ देती हैं।

Author: news24jharkhandbihar
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