केरेडारी सीएचसी में चरमराया स्वास्थ्य व्यवस्था, 1.40 लाख आबादी का जिवन भगवान भरोसे

केरेडारी सीएचसी में कार्यरत हैं 14 डॉक्टर, 5 डॉक्टर रहते हैं हमेशा गायब

केरेडारी (हजारीबाग)। केरेडारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था पुरी तरह से चरमरा गया हैं. केरेडारी सीएचसी में प्रभारी समेत 14 डॉक्टर पोस्टिंग होने के वावजूद लोगो को समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं हैं. जिस कारण दूर दराज से आने वाले लोग बिना इलाज कराए लौट जाते हैं. ग्रामीणों को  समुचित इलाज नहीं मिलने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराना पड़ता हैं। जिसका भरपुर लाभ प्राइवेट अस्पताल वाले उठाते हैं।

5 डॉक्टर नहीं आते हैं सीएचसी, पूछने पर उच्च पैरवी का दिखाते हैं धौंस

केरेडारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी समेत 6 एमबीबीएस, 2 आयुर्वेदिक, एक दांत, एक आंख, 4 आयुष डॉक्टर समेत 14 डॉक्टर कार्यरत हैं। जिसमे 4 आयुष डॉक्टर बेलतू, बुंडू, सलगा, वा हेवई पंचायत में फील्ड वर्कर हैं। परन्तु आलम ये हैं कि डॉ. मच्छेंद्र, डॉ. सौम्या लकड़ा वा आयुष विभाग के 3 डॉक्टर हमेशा सीएचसी या कार्य क्षेत्र में अनुपस्थित रहते हैं। वहीं बेलतू, सलगा, वा हेवई में कार्यरत डॉक्टर का कोई लेखा जोखा का हिसाब सीएचसी प्रभारी के पास नहीं हैं। सीएचसी प्रभारी डॉ. बिक्रम ने कहा ये लोग हमेशा ड्यूटी के गायब रहते हैं। डाटने या शोकोज देने पर उच्च पैरवी होने का धौंस दिखाते हैं. लचर सरकारी व्यवस्था के कारण केरेडारी प्रखंड के 1.40 लाख आबादी का जिवन भगवान भरोसे हैं।

2 दिन केरेडारी सीएचसी में करते हैं काम, बाकी दिन मानते हैं छुट्टियां

अनुपस्थित कर्मियों के अलावा महीना भर ड्यूटी करने वाले 9 डॉक्टर रोस्टर के अनुसार ड्यूटी करते हैं। यहां कार्यरत 9 डॉक्टर में प्रत्येक डॉक्टर लगातार 48 घंटे ( 2 दिन ) तक ड्यूटी करते हैं। दो दिनों तक लगातार काम पूर्ण करने के उपरांत वे स्वास्थ्य कर्मी पुनः अपने घर के लिए निकल जाता हैं। या फिर केरेडारी मुख्य चौंक के आस पास के दुकानों में प्रैक्टिस करते नजर आयेंगे। यहीं नियम सीएचसी प्रभारी के साथ भी लागू होता हैं। प्रभारी स्वयं लगातार सीएचसी से गायब रहते हैं. सीएचसी प्रभारी ने कहा किसी भी डॉक्टर को 48 घंटे तक ही काम ले सकते हैं। अपना ड्यूटी कर लगभग लोग चले जाते हैं। मैं अपने घर परिवार से मिलने गया था.

सुविधाओं का है अभाव – सामुदायिक स्वास्थ्यकेंद्र में एक्स रे मशीन है परंतु टेक्नीशियन नही है। आक्सीजन पाईप लाईन नही है, सीजीरियन का भी सुविधा नहीं है, दवाइयों का भी घोर अभाव है।

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Author: news24jharkhandbihar

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