महुआडांड। महुआडांड के डिपाटोली में इमाम बाड़ा के समीप नमाज इशा जश्ने ईद मिलाद-उन-नबी को लेकर अजीमुश्शान जश्ने आमदे मुस्तफा जलसे का आयोजन किया गया। जलसा इशा नमाज के उपरांत शुरू किया गया। मंच का संचालन बाहर से नकीबे अहले सुन्नत गुलजार अंबर झारखंडवी के द्वारा किया गया।
मौके पर शायरे इस्लाम जनाब शफात मंज़र लोहरदगवी, शकलैन हैदर पलामूवी, शयदा पलामूवी रांची, कारी नुरूल होदा, मोहम्मद एजाज अहमद के द्वारा हुजूर के शान में नात पढ़ी गई। वहीं हुजूर की सिरत व शुरत पर जनाब मोहम्मद इनआमूल क़ादरी रब्बानी अलीमी जामा मस्जिद के मोहतमिम मुफ्ती मोहम्मद शब्बिर सहर कादरी, मस्जिदें गौसिया से कारी मुन्नवर सईद ने कहा कि हम सभी को हुजूर के बताए रास्ते पर चलना है। इसी में कामयाबी और कामरानी है। इन्हीं के सदके चांद को चांदनी मिली सुरज को रौशनी मिली मगरिब से लेकर मशरिक तक खुशिंया ही मिली। अगर अल्लाह को हुजूर को पैदा फरमाना नहीं होता तो ये दुनिया भी कायम नहीं होती। आप के पैदा होने के बाद ही इंनशानयत में इंतकाल बरपा हुआ। जानी दुश्मनों को आपने भाई बनाया। और पुरी दुनिया को प्यार व मोहब्बत का पाठ पढ़ाया। मां बाप के हुकूक बीबी बच्चों व पड़ोसियों के हुकूक कायम किया। इंसान तो इंसान जानवरों तक को उनका हक देने की तालिम दी। बल्कि यहां तक फ़रमाया कि एक बिल्ली भी तुम्हारी लापरवाही के वजह से तकलीफ में पड़ जाए तो तुम्हारा ठिकाना भी जहन्नम हो सकता है। और अगर तुमने एक प्यासे कुत्ते को भी पानी पिलाया तो जन्नत जाने का जरिया बन सकता है। इसी लिए इस्लाम में इंसानों को खिलाने और पिलाने फर और उनके जरूरत के समय काम आने पर इस्लाम ने बहुत जोर दिया है।
मौके पर मुफ्ती मोहम्मद शब्बर ज़या कादरी, कारी गुलाम अहमद रज़ा हाफिज नदीम अख़्तर, एजाज़ अहमद कादरी गुलाम सरवर फैजी कारी शमशीर रज़ा, हाफिज खुर्शीद अंजुमन कमेटी के सदस्य, इंतजामिया कमेटी के सदस्य समेत कई लोग शामिल थे।
Author: news24jharkhandbihar
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