• केरेडारी में 74 सौ हेक्टेयर जमीन में धान वा 925 हेक्टेयर जमीन में मक्का के खेती का लक्ष्य
• जून में 52.4 एमएम, 19 जुलाई तक 39.9 एमएम हुई बारिश जरूरत 300 एमएम बारिश की
अरूण यादव, केरेडारी
हजारीबाग जिला के केरेडारी प्रखंड में मानसुन के बेरूखी से बीते साल के अपेक्षा इस वर्ष भी केरेडारी प्रखंड में सुखाड़ का खतरा मंडराने लगा हैं। बारिश के आस में किसान आसमान की ओर टकटकी लगायें बैठे हैं। किसान अच्छी बारिश के इंतजार में हैं ताकि खेतों में धान का रोपाई कर सकें। 16 पंचायत वाले केरेडारी प्रखंड का खेती शत प्रतिशत वर्षा पर अधारित हैं। ससमय बारिश नही होने से धान रोपनी का समय भी निकलता जा रहा हैं। सूखे खेतों में दरारें बन आई हैं। हरी दिखने वाली फसलें सूखकर पीली पड़ गई हैं। यह देखकर किसान पूरी तरह से टूटता जा रहा हैं।
पानी के अभाव में मरने लगे हैं फसल, किसान परेशान
जून महीने में मात्र 52.4 एमएम बारिश हुई। वही 19 जुलाई तक 39.9 एमएम बारिश हुई, जबकि जुलाई में 300 एमएम बारिश जरूरी था। प्रयाप्त मात्रा में बारिश नही होने के कारण मकई की खेती में भी ग्रहण लग गया हैं। पानी के अभाव में मकई का पौधा भी सुखने लगा हैं। रोपनी के लिए लगाया गया धान का बिछड़ा भी पानी के अभाव में सूखने के कगार में हैं। किसान कुवां तालाब से सिंचाई कर धान के बिछड़ा का बचाव कर रहे हैं। सुखते फसल की हालत देख किसान काफी चिंतित हैं।
किसानों ने ऋण ले कर लगाया बिछड़ा, अब सता रहा हैं ऋण चुकाने का भय
केरेडारी प्रखंड कृषि क्षेत्र में अग्रणी स्थान रखता हैं। किसान खेती के लिए सरकार के आलवे साहूकारों से खेती के लिए कर्ज लेते हैं। इस वर्ष पहली बारिश में किसान धान वा मकई का बोआई खेतों में कर दिया। परंतु आलम ये हैं की बारिश नही होने से खेतो में लगे बिछड़े सूखने लगे हैं। फसल की ये हालत देख ऋण कैसे चुकाये ये भय किसानो को सताने लगा हैं।
74 सौ हेक्टेयर जमीन में धान वा 925 हेक्टेयर जमीन में मक्का के खेती का लक्ष्य
केरेडारी में कृषि विभाग के द्वारा 74 सौ हेक्टेयर जमीन में धान वा 925 हेक्टेयर जमीन में मक्का के खेती होने का लक्ष्य रखा गया था। परंतु समय के बारिश नही होने के कारण केरेडारी में धान की रोपाई शुरू नही हो सका। मक्का भी तय लक्ष्य के अनुसार किसान नही लगा सकें। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनुज कुमार ने कहा की खेती योग्य बारिश नही हुई है। आगे बारिश हुई तो 15 अगस्त तक किसान धान की रोपाई कर सकते हैं। इन्होंने किसानो को 4 नंबर जमीन में मोटे अनाज की खेती करने का सलाह दिए हैं।
क्या कहते हैं केरेडारी के किसान
किसान राजेंद्र महतो ने बताया कि जून के पहली बारिश पर ही खेतों में धान का बिछड़ा डाल दिए। अब कई दिनों से बारिश नही हो रहा है। खेतों में लगा बिचड़ा सूखने लगा है। दो-तीन दिन में बारिश नही हुवा को किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
किसान संजय भुइयां ने कहा आद्रा नक्षत्र में हुवे बारिश में ही सभी किसान धान का बिचड़ा लगा दिये। बिचड़ा भी महाजन से उधार पेच कर लिए है। अब बारिश भी नही हो रही हैं। समय से बारिश नही होने से खेती बाड़ी में संसय बना हुवा है। बारिश नही होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
Author: news24jharkhandbihar
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