महुआडांड। “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन के सर्वाइवर लेड इंटेलिजेंस नेटवर्क के कार्यकर्ताओं द्वारा 16 अक्टूबर को महुआडांड़ के 101 विद्यालय वा 56 गाँवो व विद्यालयों में बाल विवाह के खिलाफ सघन जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यकर्ताओं ने विद्यालय वा आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंच कर युवाओं वा बच्चियों को बाल विवाह ना करने वा लोगो को जागरूक करने का शपथ दिलाए।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार (एनएचएफएस-2019-21 ) में पूरे देश में 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया।
संस्थान के कार्यकर्ताओं ने बताया कि संस्था के द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश के 300 से भी ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है। भारत में 2030 तक बाल विवाह के समग्र खात्मे के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान से देश के 160 गैर सरकारी संगठन जुड़े हुए हैं। बाल विवाह के खिलाफ लोगों ने काफी उत्साह भी हैं। लोग सूरज ढलने के बाद हजारों की संख्या में अपने हाथों में मशाल या दीया लेकर मार्च कर लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, स्वयम सेवी संस्थाएं, धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना था। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने व सजावट करने वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी जी द्वारा स्थापित संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन का ‘सर्वाइवर लेड इंटेलिजेंस नेटवर्क’ जो कि बाल मजदूरी से मुक्त युवाओ का नेटवर्क है; जो पिछले कई वर्षों से बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार, बाल विवाह व बाल यौन शोषण के खिलाफ गांव-गांव में जागरूकता कर रहा है।
Author: news24jharkhandbihar
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