सूरज कुमार/ महुआडांड़
महुआ डांड। नेतरहाट में नाशपाती की खेती बड़े पैमाने पर होती है। कृषि विभाग हर साल नाशपती बगान की निलामी करती है। नाशपती बगान की नीलामी इस वर्ष 50 लाख 49 हजार रूपये में की गयी है। लेकिन प्रकृति के मार से किसान को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते दिनों हुवे पानी पत्थर ने नाशपती पेड़ में ही ख़राब हो गया है। पौधा से तैयार नाशपाती गिरकर ख़राब हो रहे है। किसान और ठेकेदार दोनों ही इस बार आर्थिक क्षति का रोना रो रहे है।
स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि स्थानीय महिला व्यापारी ने ही बागान में बोली लगाई थी। प्रतिदिन यहां 10 टन नाशपती का कारोबार होता है। जुलाई और अगस्त माह में रांची और बंगाल के कई कारोबारी यहां पंहुचते है लेकिन इस बार मौसम के कारण ख़राब हुए नाशपती से किसानो को लाखों रुपए का नुकसान होने की संभावना है। जिसके कारण स्थानीय किसान और ठेकेदार दोनों काफी चिंतित है।

Author: news24jharkhandbihar
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