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खेत को पानी देने के लिए बनाया नहर, नहर बनते ही टूटा पानी के इंतजार में बैठे रह गए किसान

सूरज कुमार/ महुआडांड़

महुआडांड़। करोड़ो रूपए खर्च करने के बावजूद भी नकटी नदी नहर परियोजना से अंमवाटोली और महुआडांड़ पंचायत के अंतर्गत सैकड़ो एकड़ खेत में हरियाली नही आई। लेकिन बरसात आते ही नहर में घास-पौधे उग आये है, नहर भी टूट गया है। किसान नहर से पानी के आपूर्ति के इंतजार में किसान बैठे है। नहर से पानी नहीं पहुंचने के कारण किसानों का खेत भी बंजर हो गए है। जिसको लेकर किसानों में भारी गुस्सा और निराशा है।

2017 में 3 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से बना था नहर

नकटी नदी नहर परियोजना से पूर्व कच्ची नहर को लघु सिंचाई विभाग के द्वारा वर्ष 2017 में 3 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से कश्यप कन्स्ट्रक्शन द्वारा पक्कीकरण कराया गया। जिसकी लम्बाई साढ़े तीन किलोमीटर है, ताकि किसानों को कृषि कार्य के लिए पानी मिले। नहर के निर्माण से किसान खुश थे, लेकिन करोड़ो रूपए खर्च होने के बावजूद किसानों को निराशा हाथ लगी है। जहां घटिया एवं स्तरहीन निर्माण के चलते करोड़ो रूपए का बना पक्का नहर का कंक्रीट कई जगह टूट गया है।

अधिकारियों ने नही ली सुध, घटिया काम कर संवेदक हुवा रफूचक्कर

ग्रामीण अनिल सिन्हा ने कहा की नहर पक्कीकरण का कार्य गुणवत्ता पूर्ण नही कराया गया। अधिकारियों द्वारा इसकी मॉनिटरिंग भी कभी नही किए। किसानों के द्वारा शिकायत करने के बाद भी उनकी बातों को नजर अंदाज किया गया था। निर्माण कार्य एक साल में पूरा करना था, लेकिन संवेदक नहर पक्कीकरण का काम पांच वर्ष तक करता रहा। और नतीजा ये है की नहर टूट गया। घटिया काम कराकर संवेदक रफफुचक्कर हो गया। मरम्मती के लिए भी संवेदक दुबारा नहीं पहुंचा।

news24jharkhandbihar
Author: news24jharkhandbihar

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