केरल से भटकते हुवे 7 साल बाद महुआडांड़ घर पहुंचा मजदूर, परिजनों के उड़े होश

मृत समझ टिकना नगेसिया को भूल गए थे परिजन, 7 साल बाद वापस आया मजदूर काफी मशक्कत के बाद परिजनो ने किया पहचान

सूरज कुमार /महुआडांड़
महुआडांड़ प्रखंड के रेगाई पंचायत अंतर्गत नवाटोली ग्राम निवासी टिकना नगेसिया 7 साल बाद सोमवार शाम को घर लौटा। टिकना नगेसिया के घर पहुंचने पर घर वाले पहचान नही सके। टिकना नगेसिया ने अपने बच्चों का नाम और परिचय दिया तो परिजनो वा रिश्तेदारों ने उनका पहचान कर घर ले गए। इस संबंध में टिकना नगेसिया के पुत्र पिंटू नगेसिया ने बताया कि उसके पिता टिकना नगेसिया वर्ष 2015 में अपने गांव के ही दस लोगों के साथ केरल काम करने गए हुए थे। इस दौरान उसके पिता के साथ गए सभी साथी वापस लौट आए थे। परंतु उसके पिता वापस नहीं लौटे। परिजनों ने काफी खोजबीन किया परंतु कोई पता नहीं चला। घर के सभी परिजन इनके जिंदा होने की आस छोड़ चुके थे। अचानक परिजनों ने जब टिकना नगेसिया को देखा तो पहले काफी देर तक पहचान नहीं सके। लेकिन अब घर पर रिश्तेदारों की भीड़ जुटी हुई है।

वहीं टिकना नगेसिया ने बताया कि पढ़ा लिखा नहीं होने के कारण 7 साल तक भटकता रहा, जिसके साथ गया था, वह घर लौट गए थे और दोबारा नहीं आए। इसके बाद मैं खुद ही केरल से घर आने के लिए निकला था, लेकिन कैसे आना है कोई जानकारी नहीं थी। रेलवे स्टेशन में गया और ट्रेन में बैठ गया, लेकिन गलत ट्रेन पकड़ने के कारण पंजाब पहुंच गया, तब से लेकर आज तक मैं घर महुआडांड़ पहुंचने के इधर-उधर शहरों में भटकता रहा। मांग कर खाता था, फिर ट्रेन में घूमता था, इसी उम्मीद में कि एक दिन घर पहुंचना है। वहीं महुआडांड़ का नाम लेने पर कोई नहीं जानता था, बाकी कोई जानकारी नहीं थी कि कहां जाना है। कैसे पहुंचना है, लेकिन एक दिन सही ट्रेन पकड़ा और डालटनगंज पहुंचा, और डालटनगंज से महुआडांड़ पैदल ही आ रहा था।

news24jharkhandbihar
Author: news24jharkhandbihar

सबसे तेज, सबसे आगे

आज फोकस में

error: Content is protected !!