प्रकाश कुमार
प्रतापपुर (चतरा)। प्रतापपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीय कृत मध्य विद्यालय परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा यज्ञ में मध्य प्रदेश के कथा व्यास सुश्री अनन्या शर्मा ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि जब नारद जी से युधिष्ठिर नें प्रश्न पूछा कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है, तब नारद जी ने कहा कि दुनियां का सबसे बड़ा धर्म हैं किसी को पीड़ा नहीं पहुंचाना। हमेशा दूसरों की पीड़ा को कम करने का प्रयास करना है। यही बात रामचरित्र मानस में तुलसीदास जी ने भी कही है। “परहित सरस धर्म नहीं भाई। पर पीड़ा सम नहीं अधमई।।” उसके पश्चात नारद जी ने युधिष्ठिर को स्त्री और पुरुष के धर्म के विषय में विस्तार से बताया। तत्पश्चात वामन अवतार की कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने कहा कि राजा बली एक बहुत बड़े दानवीर थे। उनसे जो भी मांगा जाता था वह दान कर देते थे। परंतु उनके अंदर अहंकार था।जिस कारण उनका प्रभु नारायण ने उनके अहंकार को अपने कदम से तोड़ दिया था।
प्रवचन में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगा था। लोग दूर दूर से पहुंचे थे।
Author: news24jharkhandbihar
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