केरेडारी (हजारीबाग)। क्या सफलता पाएँगे वो जो निर्भर रहते गैरों पर, सफलता उन्हें मिलती हैं जो खुद चलते है अपने पैरों पर। ये कहावत को चरितार्थ कर दिखाया केरेडारी के ब्लाइंड क्रिकेटर गीता महतो ने। मूल रूप से केरेडारी के सलगा जैसे पिछड़ा क्षेत्र से रहने वाली नेत्र हीन गीता महतो ने अपनी कड़ी मेहनत वा परिजनों के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट खेलेगी।

मुंबई में 11 से 15 दिसंबर तक ब्लाइंड महिला अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय सीरीज खेलेगी गीता। पहली बार भारत में इस प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा हैं। इस दौरान पांच टी-20 मैच खेले जायेंगे। इसको लेकर भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम की घोषणा की गयी है. जिसमें झारखंड की ब्लाइंड क्रिकेटर गीता महतो को शामिल किया गया है।
गीता ने रांची में रह कर की क्रिकेट की तैयारी
गीता नेत्र हीन को सफलता के आड़े नहीं आने दिया। गीता से सलगा से निकल कर परिजन के साथ रांची में रही। और परिजन के सहयोग से अपना करियर क्रिकेट में चुना। काफी संघर्ष के उपरांत गीता का चयन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में हुवा। गीता ने बताया कि मैंने झारखंड के नेत्र हीन खिलाड़ी गोलू सर के बारे में सुना था और उनका खेल मुझे काफी प्रेरित किया। मुझे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में खेलने का मौका मुझे मिला था. लेकिन पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलूंगी। इस चयन के लिए मैं काफी खुश हूं।

Author: news24jharkhandbihar
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