आदिवासी समाज ने सरकार को चेताया, कहा : संविधान से छेड़छाड़ बंद हो, नहीं तो होगा उग्र आंदोलन

गुमला। गुमला जिला के बसिया प्रखंड स्थित सरहुल अखाड़ा कोनबीर में आदिवासी एकता मंच बसिया के तत्वावधान में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया गया। महारैली थाना चौक से पारंपरिक हथियार के साथ सरहुल अखाड़ा कोनबीर पहुंचा जहां रैली सभा में तब्दील हो गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज सेवी दयामनी बारला ने आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन, विस्थापन, आदिवासी पहचान, सरना, मासना, भाषा, धर्मकोड, वनाधिकार कानून, सीएनटी, एसपीटी एक्ट, पांचवीं अनुसूची, पेसा कानून में छेड़छाड़, आदिवासियों को धर्म के नाम पर बंटवारा, लैंड बैंक, ऑनलाइन जमीन में भारी गड़बड़ियों में शिविर लगाकर सुधार, भारत माला प्रोजेक्ट को रद्द करने समेत सरना कोड देने की मांग किए। दयामनी बारला ने कहा कि देश को बचाने के लिए हम आज सरहुल अखाड़ा कोनबीर में जमा हुए हैं। यहां से संविधान में हो रहे छेड़छाड़ को रोकने के लिए बिगुल फूंकने पहुंचे हैं। यहां आदिवासी को इसाई कहकर आदिवासी समाज को लड़ाने की साजिश चल रही है। यहां रहने वाले सभी आदिवासी मूलवासी एक है। सिर्फ धर्म के नाम पर लडाने की साजिश चल रही हैं। जिसे हम बर्दास्त नहीं करेंगे।  हमने कोयलकारो जलसंगठन के नेतृत्व में कोयलकारो की लड़ाई लड़ी। हम इसमें विजय हुए। भाजपा सरकार ने संविधान में बदलाव कर समाज को बांटने का काम कर रही है। डिलिस्टिंग के नाम पर सरना आदिवासी में दूरी बनाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें एकजुट होकर जल, जंगल, जमीन को बचाना है।

मौके पर कार्तिक भगत, निकोलस सुरीन, शशिकांत भगत, सुजीत टेटे, मारवाड़ी बिरहोर, फौदा उरांव, कैप्टन लोहरा उरांव, बसंती डुंगडुंग, अरुण सोरेंग, प्रेम प्रकाश सुरीन, मंगलेश्वर उरांव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पर नौ सूत्री मांग पत्र को एसडीओ को अमरजीत डंगवार के नेतृत्व में सौंपा गया. मौके पर अजित गुड़िया, राहुल मिंज, सुनीता तोपनो, अल्फ़्रेड आइंद, पीसी बड़ाइक, रतिया खड़िया सहित कई लोग मौजूद थे।

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Author: news24jharkhandbihar

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